बचपन की यादें भाग -2 (Childhood Memories :Part -2)

बचपन की यादें  (भाग -2 ) अनुशासन: लक्ष्य के अलावा मुझे कुछ भी नहीं दिखता है। (Discipline: I see nothing but goals.)      “हर पल हर वक्त सोचती हूं कि मां-बाप इस कदर कठोर क्यों होते हैं हम गहरी नींद में होते हैं और वे उस वक्त भी नहीं सोते हैं ,आज इतने वर्षों में यह बात समझ में आया …

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Childhood Memories : Part -1 (बचपन की यादें भाग -1)

    बचपन की यादे। भाग -१     ललक : विद्यालय की प्रार्थना सभा के तालियों की  गूज  ” समेट लो इन नाजुक पलो को , ना जाने ये लम्हें कल हो न हों    हो भी ये लम्हे क्या  मालूम शामिल उन लम्हो में हम हो ना हो  “ “उस दिन शाम को जब मेरी मां ने इस घटना के बारे में पूछा …

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