महिलाएं : एक अनकही योद्धा तेरे माथे पर यह आंचल बहुत ही खूब है। (You want to read in English, scroll it down.) “महिलाओं के रूप में हम क्या कर सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है।” मिशेल ओबामा आज वह मुट्ठी खुल चुकी है ,जो सदियों से बंद थी। इस मुट्ठी में कई सपने हैं जो स्वयं तक ही सीमित नहीं है ,बल्कि यह सपने अपने गर्भ में छिपाए रखती हैं क्योंकि यह सतरंगी इन्द्रधनुष हैं , उम्मीदों का हौसला है ,जमाने को बदलने का इरादा है हर खालीपन को खुशियों से भरने का एक लंबी उड़ान है। स्त्रियों की खुली मुट्ठियाँ जब थाम लेती हैं एक दूसरे का हाथ और ठान लेती हैं कुछ कर गुजरने को तो यकीन मानिए उनके लिए इस दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं रह जाता । …