POVERTY : गरीबी

                                                                            गरीबी                                 POVERTY            “यह कविता गरीबी के विभिन्न आयामों को दर्शा्ती  र्हैं। “   मनु के जन्म से आज दिवस तक, यह है सबसे विकट विकार। हर शहर हर गांव में दिखती, हर ओर गरीबी अपरम्पार।। यदि कोई जन्म से ठाठ में रहता, वृद्धावस्था में बदलाव। सब कर्मो का फल है प्यारे, बदल गए जो मन के भाव।। बड़े-बड़े महलों में रहकर, वे सुख-चैन को तरसें। कुटिया में भी भोज उत्सव, जब मां अपने हाथ से परसें।। चाहे जितना हो सम्पन्न, गरीबी यह सब की है आती। तीन पहर जो भोजन करता, कभी भूखे पेट उसे सुलाती।। हालात विवश तो सब ही देते, किस्मत …

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Poetry : Our New section (कविता)

           कविता: हमारा नया खंड ( Poetry: Our New section )                         आप सभी को मेरा नमस्कार, आज मैं अपनी वेबसाइट में एक नया खंड जोड़ने के लिए वास्तव में उत्साहित हूं, जिस पर मैं काम कर रहा था। यह नया खंड “कविता” है। मुझे आशा है कि आप इस अनुभाग का आनंद लेंगे और अपना प्यार और समर्थन देंगे।              मेरे जेहन में  कुछ पंक्तयां याद  आ रही है, उसे मै आप के सामने रखता हुं। ” अभी तो इस बाज  की असली उड़ान बाकी है      अभी तो इस परिंदे का इम्तहान बाकी हैं  अभी तो मैंने लांघा है समुंदर को अभी तो पूरा आसमान बाकी हैं। “ मै उम्मीद रखता हूं कि हमारा ये खंड जो की कविताओं और लेखन पर है ,आपको पसंद आयेगा। इन्हें आपका प्यार और आपका उत्साह चाहिए। इन्हें  औरो तक साझा जरूर करें …

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Childhood Memories : Part -3 (बचपन की यादें भाग -3)

Childhood Memories : Part -3 (बचपन की यादें भाग -3)                                               कटाक्ष :एक घटना जो आपके लिए प्रेरणा बन जाए                                                             😃😃😃                          पिछले दो भागों को आपने काफी सराहा है ,और अपने बचपन के अनमोल यादो को भी साँझा किया हमारे साथ उसके लिए हम आपके  बहुत आभारी है। …..                           आज मुझे आप लोगों को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कभी कभी जीवन में घटने वाली कुछ एक घटनाएं ऐसी होती है जो पूरे जीवन के लिए प्रेरणा स्रोत  की भूमिका निभाती  हैं।  प्रत्येक …

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बचपन की यादें भाग -2 (Childhood Memories :Part -2)

बचपन की यादें  (भाग -2 ) अनुशासन: लक्ष्य के अलावा मुझे कुछ भी नहीं दिखता है। (Discipline: I see nothing but goals.)      “हर पल हर वक्त सोचती हूं कि मां-बाप इस कदर कठोर क्यों होते हैं हम गहरी नींद में होते हैं और वे उस वक्त भी नहीं सोते हैं ,आज इतने वर्षों में यह बात समझ में आया “                      प्रिय पाठको मेरे पिछला लेख “बचपन की यादे -भाग १” को इतना सराहना देने के लिए बहुत ही आभारी हूँ। आपके विचारो  को जान के मुझे बहुत खुशी हो रही है ।  आपकी उत्सुकताओं से  मुझे अपने बीते  दिनों के अनुभवो को साझा करने में बहुत प्रोत्साहन मिलरहा हैं। मेरा आपसे निवेदन है की सबके जीवन में छोटी छोटी घटनाएँ होती है जिनके  याद आने भर   से  ही मन में एक ख़ुशी  की लहर सी दौड़ जाती हैं। मैं उन्ही यादो को आपसे साझा करने  के लिए आतुर हो रही हूँ।                 …

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Childhood Memories : Part -1 (बचपन की यादें भाग -1)

    बचपन की यादे। भाग -१     ललक : विद्यालय की प्रार्थना सभा के तालियों की  गूज  ” समेट लो इन नाजुक पलो को , ना जाने ये लम्हें कल हो न हों    हो भी ये लम्हे क्या  मालूम शामिल उन लम्हो में हम हो ना हो  “ “उस दिन शाम को जब मेरी मां ने इस घटना के बारे में पूछा तो डरते हुए सभा की मैंने पूरी बात बताई ,मुझे यह डर था कि कहीं इन  बातो को लेकर मेरी मां मुझसे नाराज ना हो जाय । “                                             मैं    के .ब्राम्ही कक्षा नौ की छात्रा हूं, मेरी यह स्मृति बचपन की  यादों  में से घटी हुई कई घटनाओं में से यह  एक यादगार घटना है।  सन् 2010 की बात है ,मै उस समय उत्तर प्रदेश के अमेठी क्षेत्र में स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एचएएल स्कूल के कक्षा प्रथम की …

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