TIME ⏳⏳⏳ “समय नि: शुल्क है, लेकिन यह अनमोल है। आप इसे अपना नहीं सकते, लेकिन आप इसका उपयोग कर सकते हैं। आप इसे रख नहीं सकते, लेकिन आप इसे खर्च कर सकते हैं। एक बार जब आप इसे खो देते हैं तो आप इसे कभी वापस नहीं पा सकते।” 🕯️🕯️🕯️ “रिश्ता मोमबत्ती और उसके लौ में होता है ,हमारा और समय का भी वही रिश्ता है।” समय का पहिया चलता जाता, किसी को यह क्यों समझ न आता। समय ही सबसे है …
Author: Reena Singh
I’m a passionate storyteller and lifelong learner who believes that words can spark change. Through A New Thinking Era, I share motivational quotes, inspiring stories, and transformative insights to help people rediscover their purpose, build inner strength, and stay grounded in hope — no matter what life throws at them.
This blog isn’t just a space for content — it’s a movement to help people think deeper, live better, and rise stronger. Every post is created with the belief that a single thought can shift your whole day — or even your life.
When I’m not writing, I’m reading, reflecting, and dreaming up new ways to turn wisdom into action.
CORONA : कोरोना
कोरोना ( CORONA ) 🍀🍀🍀 हर किसी की आंखों में, एक रोष सा अब दिखता है, जिसे देखो हर ओर, ख़ामोश सा सब दिखता है।। चारो तरफ़ है खौफ़, खुद की ही गलती का नतीज़ा, सब दुबक कर घर में बैठे, चाहे हो विधायक का भतीजा।। शुरुआत हुई तो लगा मज़ाक, चाइना को दी गाली, आज जब देश पे आया संकट, हर सड़क हो गई खाली।। पशु-पक्षी आज़ाद घूम रहे, पिंजरे में इंसान, मंदिर में भी लगा है ताला, क्वारांटाइन पे भगवान।। पांच बजे सब छत पे आ गये, संग थाली और शंख। धन्यवाद हैं देते सारे, चाहे राजा हो या रंक।। मास्क-सैनिटाइजर की, बाज़ार में लगी होड़। वापस गांव को भाग रहे, संपन्न शहरों को छोड़।। शहर, गांव, हर देश में फैला ये कोरोना, ऐ मेरे भारतवासियों अब तो तुम जागोना।। भूल जाओ सब धर्म-जाति, तोड़ दो सारे धागे, मानवता से बढ़कर क्या, मानवता सबसे आगे।। …
POVERTY : गरीबी
गरीबी POVERTY “यह कविता गरीबी के विभिन्न आयामों को दर्शा्ती र्हैं। “ मनु के जन्म से आज दिवस तक, यह है सबसे विकट विकार। हर शहर हर गांव में दिखती, हर ओर गरीबी अपरम्पार।। यदि कोई जन्म से ठाठ में रहता, वृद्धावस्था में बदलाव। सब कर्मो का फल है प्यारे, बदल गए जो मन के भाव।। बड़े-बड़े महलों में रहकर, वे सुख-चैन को तरसें। कुटिया में भी भोज उत्सव, जब मां अपने हाथ से परसें।। चाहे जितना हो सम्पन्न, गरीबी यह सब की है आती। तीन पहर जो भोजन करता, कभी भूखे …
Poetry : Our New section (कविता)
कविता: हमारा नया खंड ( Poetry: Our New section ) आप सभी को मेरा नमस्कार, आज मैं अपनी वेबसाइट में एक नया खंड जोड़ने के लिए वास्तव में उत्साहित हूं, जिस पर मैं काम कर रहा था। यह नया खंड “कविता” है। मुझे आशा है कि आप इस अनुभाग का आनंद लेंगे और अपना प्यार और समर्थन देंगे। मेरे जेहन में कुछ पंक्तयां याद आ रही है, उसे मै आप के सामने रखता हुं। ” अभी तो इस बाज की असली उड़ान बाकी है अभी तो इस परिंदे का इम्तहान बाकी हैं अभी तो मैंने लांघा है समुंदर को अभी तो पूरा आसमान बाकी हैं। “ मै उम्मीद रखता हूं कि हमारा ये खंड जो की कविताओं और लेखन पर है ,आपको पसंद आयेगा। इन्हें आपका …
Childhood Memories : Part -3 (बचपन की यादें भाग -3)
Childhood Memories : Part -3 (बचपन की यादें भाग -3) कटाक्ष :एक घटना जो आपके लिए प्रेरणा बन जाए 😃😃😃 पिछले दो भागों को आपने काफी सराहा है ,और अपने बचपन के अनमोल यादो को भी साँझा किया हमारे साथ उसके लिए हम आपके बहुत आभारी है। ….. आज मुझे आप लोगों को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कभी कभी जीवन में घटने वाली कुछ एक घटनाएं ऐसी होती है …